Essay on Terrorism in Hindi : यहाँ इस लेख में आपको आतंकवाद पर निबंध उपलब्ध कराएँगे अक्सर जो बच्चे पढाई करते है उन्हें हिंदी के परीक्षा में आतंकवाद पर निबंध लिखने को मिलता है।
बहुत सारे छात्र इसे नजर अंदाज कर देते है लेकिन यह आपके परीक्षा में मिलने वाले मार्क्स में जुड़ने वाले नम्बर्स का मुख्य अंक हो सकता है।
इसलिए हमें Terrorism Essay in Hindi लिखना अच्छी तरह से सिख लेनी चाहिए इस पोस्ट में आपके लिए Essay on Terrorism in Hindi का कुछ सेम्पल उपलब्ध कराये है।
आतंकवाद पर निबंध (200 शब्द)
आतंकवाद एक बुरी चीज होती है। आतंकवाद एक विकृत प्रकृति का अवतार है यह हमारे समाज, समृद्धि, स्वातंत्र्य, धर्म और पूजा के विरुद्ध होता है। आतंकवाद एक हत्यारी और अत्याचारपूर्ण तंगी की प्रकृति है यह बहुत से देशों और समाजों को तंग करता है।
आतंकवाद का कोई राष्ट्र, कोई धर्म, कोई भाषा, कोई परिवार और कोई घर नहीं होता उनका एक ही सरकार होता है आतंक फैलाना आतंकवादी कोण है। अगर साधारण भाषा में समझा जाए तो यह एक समूह है।
आतंकवाद आतंक शब्द से बना एक शब्द है कुछ लोग आतंकवाद को बहुत छोटी चीज समझते है लेकिन जहाँ यह सुचारु रूप से चल रही है वहाँ के लोग इसे बखूबी समझते है।
वास्तव में आतंकवाद दुनिया के हर कोने में ही हो सकता है लेकिन यह दुनिया के कुछ देशों और क्षेत्रों में पनप रहा है पाकिस्तान ईरान सीरिया जैसे कोई क्षेत्र इन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है।
आतंकवादी जगह – जगह दंगे और विस्फोट आतंक फैलाने के लिए करवाते है और लोगों में भय के माहोल उत्पन्न करते है अगर आतंकवाद को सीधे तौर पर देखा जाए तो यह विश्वासघात और हिंसा है कई बार देश के नागरिक खुद भी देश के खिलाफ आतंकवाद और हिंसा फैलते है। ऐसा करने वालों को हम आतंकवादी कहते है क्योंकि इस प्रकार के कार्य देशद्रोह के समान है।
आतंकवाद पर निबंध (250 शब्द)
प्रस्तावना
आतंकवाद लगभग सभी देशो में फैला हुआ है आतंकवाद बहुत ही ज्यादा खराब है और उनसे अपने मन मुताबिक काम कराया जाता है आतंकवाद सरकार की भी गिरने की काम करती है जिससे देश की शांति भंग होता है।
आतंकवाद
हमारे देश भारत मे भी आतंकवाद बहुत ही ज्यादा नुकसान कर रहा है आतंकवाद में बहुत सारे लोग होते है जो गलत रास्तो का इस्तेमाल करके अपने मन मुताबिक कार्यो को अंजाम देते है। हमारा हिंदुस्तान भी कई सालो से आतंकवाद से लड़ रहा है। आतंकवाद लोगों के द्वारा ही फैलाया जाता है जो लोग आतंकवाद का साथ देते है उन्हे आतंकवादी कहा जाता है।
हिंदुस्तान देश में सबसे ज्यादा आतंकवाद पाकिस्तान के सीमा रेखा से ही होता है आतंकवादियों ने कई बार हमारे देश में घूसने की कोशिश की हैं और ज्यादातर घुसपैठ की वजह से मारे गए है। आतंकवादी लोग बार बार कोशिश करते रहते है। जिससे यह कभी भी कामयाब हो जाते है जैसे की मुंबई में आतंकवादी घूस आए थे और उन्होंने बहुत सारे लोगों को मारा आतंकवादियो ने सबसे ज्यादा ताज होटल में लोगों को मारा यह मामला आज भी हर एक हिन्दुस्तानी को पता है।
निष्कर्ष
अगर हमें आतंकवाद को कम करना है इसके लिए हमे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी है उन्हें सही और गलत का फर्क समझना है तो उन बच्चों का मन भारतीय आर्मी से जोड़ना होगा ताकि उन बच्चों को किसी चीज के लिये मजबूर न कर सके उन बच्चों को देश की सेवा के लिये भारतीय आर्मी में जोड़े यही बच्चे आगे चलकर भारतीय सेना से जुड़कर आतंकवाद के खिलाफ बहुत ही बड़ी लड़ाई लदेगे और देश से आतंकवाद खत्म करेंगे।
आतंकवाद पर निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना
आतंकवाद आज विश्व समस्या के रूप मे सामने या रहा है आओनी बात को जबरन व विध्वंसकारी भयंकर अमानवीय घटनाओ से आतंकित कर मांगों को पूरा करने के लिए विवश करना आतंकवाद है। यह गैर सरकारी संगठन है जिसका एकमात्र कार्य लूट हत्या राहजनी कत्लेआम करते हुए अपनी बात मनवाने का एक अवैध तरीका है जिसके अंतर्गत खून खराबा उनकी मानसिकता है।
आतंकवाद का अर्थ
आतंकवाद दो शब्दों के मेल से बना है आतंक + बाद आतंक का अर्थ है भय तथा वाद का अर्थ है पध्दती या तरीका अर्थात भय कतिपय रूपों मे पैदा करके अपनी नाजायज मांगे मनवाने के लिए विवश करना.
आतंकवाद के कारण
आतंवड के अनेक कारण है जिसमे कुछ स्थानों पर धार्मिक कारण है जिनका उद्देश्य इस्लामिक कट्टरता की स्थापना करना है कुछ ऐसे भी संगठन है जो शासकों की राजनीतिक बुराई से खुलकर विरोध में आ जाते है। कुछ संगठन केवल अपना वर्चस्व स्वचलीत करने के लिए बन गये है जैसे कश्मीर भारत का अभाज्य अंग है परंतु पाकिस्तान उसे अपनी विरासत मानकर अनेक आतंकी संगठनों को धन – बल अस्त्र – शस्त्र प्रदान कर कूटनीतिक कार्य कर रहा है जिसे भारत एक लंबे समय से झेल रहा है।
आतंवड को रोकनेउपाय
भय पूरी मानव आबादी आतंक से पीड़ित है इसलिए विश्व को प्राथमिकता से इसे रोकने या शमन करने का उपाय करना चाहिए जाती धर्म संप्रदान से ऊंचे उठकर विश्वस्तर पर इसका कठोरता से विरोध करना चाहिए।
उपसंहार
अत: आतंकवाद आज विश्व की ज्वलंत समस्या है इससे पूरा विश्व जूझ रहा है कई देश ऐसे है जो इसके सामने घुटने टेक चुके है यह मानवता और मानव धर्म का साक्षात शत्रु है सभी देशों को मिलकर इसका सफाया करने करने का प्रयास करना चाहिए।
आतंकवाद पर निबंध (350 शब्द)
आतंकवाद एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है इसने पूरी दुनिया को भयाक्रांत कर दिया। है। लेकिन भारत इससे अधिक पीड़ित है। इसका कारण है कि भारत के लगभग सभी भाग में आतंकवादी सक्रिय हैं। दुश्मन राष्ट्र अमानवीय भूमिका अदा कर रही हैं और भारत में आतंकवादियों को सहायता पहुँचा रहे हैं वे उन्हें हथियार और पैसा मुहैया करा रहे। हैं। वे उन्हें मानसिक रूप से मूढ़ बनाते हैं, ताकि वे लोग उनके विध्वंसात्मक निर्देशों का पालन करें।
भारत में कश्मीर आतंकवादियों का केन्द्र-स्थल बन गया है लेकिन वास्तविकता यह है कि कश्मीर के साथ कोई वास्तविक समस्या है ही नहीं। वहाँ की समस्या उत्पन्न की गई है। वस्तुतः भारत एक तेजी से उभरता और विकास करता राष्ट्र है इसका तीव्र विकास दुश्मन राष्ट्रों को सहन नहीं हो रहा है इसलिए वे लोग समय-समय पर यहाँ की शांति एवं सद्भावना को नष्ट करने का प्रयास करते हैं मुम्बई का सीरियल बम ध माका और संसद् पर किये गये हमला इसके निकृष्टतम उदाहरण हैं।
आतंकवादी वे लोग हैं, जो हिंसक गतिविधियों में बुरी तरह व्यस्त हैं। वे लोग अपने उद्देश्यों को पूरा करने हेतु खतरनाक अस्त्रों का प्रयोग करते हैं निर्दोष लोग उनके निशाना बन रहे हैं पुरुष, स्त्री एवं बच्चों की हत्याएँ समान बात हो गई हैं आतंकवादी किसा खास जाति और समुदाय के नहीं होते। सच है कि वे लोग राक्षस हैं और मानवता के दुश्मन हैं।
भारत के प्रधानमंत्री जब भी अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने गये, इस समस्या को अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने जोरदार तरीके से उठाया सभी विकसित एवं आक्रांत राष्ट्रों ने आतंकवादियों के अमानवीय कृत्यों को महसूस किया उनलोगों ने भारत को आश्वस्त किया है कि आतंकवाद के खात्मे के लिए आतंकवादियों के विरुद्ध की जानेवाली कार्रवाई में सहयोग करेंगे।
आतंकवाद से राष्ट्र को बचाने हेतु केन्द्र में एक मजबूत सरकार का गठन होना चाहिए आतंकवाद को कठोरतापूर्वक जड़ से उखाड़ देना चाहिए इस संदर्भ में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
आतंकवाद पर निबंध (1000 शब्द)
आए दिन हम भारत एवं विश्व के हिस्सों में राजनीतिक विचारधारा के विभिन्न रंगों के आतंकवादियों एवं उग्रवादियों द्वारा किये गये सदमा प्रदान करने वाले कार्यों के विषय में समाचार सुनते हैं हवाई जहाजों का अपहरण करना, उनको अपनी इच्छित स्थानों पर ले जाना और उनके द्वारा दिए गए समय में उनकी माँग को पूरा न किए जाने पर सवारियों के साथ जहाजों को उड़ाने की धमकी देना आदि सामान्य घटनाएँ हैं।
भीड़-भाड़ के स्थानों, राजनीतिज्ञों के घरों या उन स्थानों पर जहाँ राजनितिज्ञ मिलते हैं, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर विचार-विमर्श करते हैं, बम-विस्फोटों के बारे में भी समाचार सुने जाते हैं सबसे खराब किस्म जो आतंकवाद ने अख्तियार किया है, वह है निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या करना।
11 सितम्बर, 2001 को अमेरिकी विश्व व्यापार केन्द्र और पेंटागन पर हुए आतंकवादी हमले ने अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद को नए आयाम प्रदान किए हैं इससे जान और माल का जबर्दस्त नुकसान हुआ उसने दुनिया को हिलाकर रख दिया लगभग इसी शैली में भारत में जम्मू-कश्मीर की विधान सभा पर आतंकी हमला हुआ, इसके बाद 13 दिसम्बर, 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ।
मानो कि यह सब काफी नहीं था आतंकवादियों ने 22 जनवरी, 2002 को कोलकाता में अमेरिकी सेन्टर पर भी हमला कर दिया आतंकवादी इस प्रकार के असामाजिक व राष्ट्र-विरोधी कार्यकलापों में इसलिए लिप्त होते हैं, ताकि राष्ट्र और सरकार या विश्व समुदाय का ध्यान किसी समस्या पर केन्द्रित न हो सके और अपनी उचित या अनुचित माँगों को मनवा सके, किन्तु अमेरिका की शक्ति और भारतीय लोकंतत्र के प्राचीर पर नवीनतम हमलों ने यह सिद्ध कर दिया है कि आतंकवादी किसी बड़े उद्देश्य को लेकर ये हरकतें नहीं करते हैं।
इसलिए, अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर पूरी शक्ति के साथ प्रहार समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है आतंकवाद का कोई स्वरूप या इसके कार्यकलाप का कोई भी भौगोलिक क्षेत्र नहीं है यह निर्विवाद है कि आतंकवाद ने हमारे जीवन को असुरक्षित एवं अनिश्चित बना दिया है हम कल की या फिर अगले क्षण की ताजा हवा का सेवन कर पायेंगे या नहीं, यह अनिश्चित हो गया है। किस क्षण हम किस बम विस्फोट, रेल या वायुयान दुर्घटना का शिकार बन जाएँ, हम नहीं जानते।
उद्देश्यों की दृष्टि से आतंकवाद को दो श्रेणियों में रखा जा सकता है- (1) सकारात्मक एवं (2) नकारात्मक। सकारात्मक आतंकवाद वह है जिसके उद्देश्य अच्छे हैं उदाहरण के लिए कुछ देशभक्तों ने ब्रिटिश शासन में आतंक फैलाकर उसे भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए बाध्य करने हेतु आतंकवाद अपनाया हमें अच्छे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अच्छे साधन एवं उपाय चाहिए शान्तिमय और अहिसक साधन ही स्थायी उपलब्धियों की ओर ले जाते हैं। इसलिए उद्देश्य कितने ही पवित्र क्यों न हो, आतंकवाद की संस्तुति कभी नहीं की जा सकती।
ऋणात्मक आतंकवाद वह है जिसमें किसी देश या जाति का कोई असंतुष्ट गुट अपनी गुट-सम्बन्धी या देश से अलग होने या अलग राज्य स्थापित करने की माँग को मनवाने के लिए सारे समुदाय से फिरौती माँगता है आतंकवाद, विशेषकर नकारात्मक आतंकवाद, मानवजाति के लिए कलंक है इसको सख्ती के साथ दबा दिया जाना चाहिए भारत की संसद ने आतंकवाद-विरोधी विधेयक पारित कर दिया है, जिसमें आतंकवाद के क्रियाकलापों में लिप्त होने वाले व्यक्तियों को सख्त, अति सख्त दण्ड देने का प्रावधान किया गया है।
आतंकवाद की भर्त्सना विश्व नेताओं द्वारा भी की गयी है और समस्या से निपटने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं गुप्तचर एजेंसियों को सशक्त किए जाने की आवश्यकता है कानून एवं व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए आतंकवादियों को पकड़ने और उनको प्रतिरोधात्मक दण्ड देने हेतु आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए आतंकवाद से लड़ने के साधनों और उपायों के विषय में जनता को शिक्षित किए जाने की आवश्यकता है।
विश्व की सभी सरकारों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए राष्ट्रीय सरकारों को हठ का रवैया छोड़ देना चाहिए और समुदाय के किसी वर्ग की उचित माँगों को अविलम्ब स्वीकार कर लेना चाहिए आतंकवाद को समाप्त करने के लिए त्वरित किन्तु प्रभावी कदम उठाये जाने चाहिए जिससे लोगों के जीवन में सुरक्षा प्रदान की जा सके और सरकार के प्रभावीपन में उनकी आस्था को फिर से स्थापित किया जा सके।
सभी देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद को समाप्त करने की आवश्यकता के प्रति जाग उठे हैं आतंकवाद पर सम्पूर्ण युद्ध छेड़ा जाना चाहिए। इस बुराई को शीघ्र समाप्त करने हेतु सभी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संसाधनों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
समस्या बहुत विशाल है और इसके समाधान के लिए गैर-सामान्य उपायों के अमल लाए जाने की आवश्यकता है भारतीय सेना के तीनों अंगों को प्रयोग में लाया जाए थल, नभ और जल-सेना-तीनों की आवश्यकताएँ हैं भारतीय सेना के तीनों अंगों को प्रयोग में लाया जाय तथा और निगरानी रखे जाने की भी जरूरत है।
सेना और पुलिस दोनों को ही आधुनिक हथियारों से लैसकर बड़ी संख्या में पूरे क्षेत्र में फोर्स के कैम्प लगाए जाएँ वायु-सेना आतंकवादियों की प्रत्येक गतिविधि की आकाश से निगरानी करे, अच्छी तरह हथियारों से सुसज्जित दस्ते नावों के द्वारा नदियों और नहरों के रास्तों पर निगरानी रखे, जिससे कि आतंकवादी इन रास्तों से भी प्रवेश करने में सफल न हो।
एक मनोवैज्ञानिक युद्ध इस प्रकार चलाया जाए कि आतंकवादियों के दिलों में भय उत्पन्न हो जाए। उनके मनोबल तोड़ने के लिए प्रत्येक उपाय काम में लाया जाना चाहिए जो आतंकवादी पकड़े जाएँ, उनका ट्रायल बहुत द्रुतगति से होना चाहिए इस तरह की बराबर चेतावनी दी जानी चाहिए कि आतंकवादियों का हित आत्मसमर्पण करने में ही है जो आतंकवादी आत्मसमर्पण करें उनके पुनर्वास के शीघ्र प्रबन्ध किये जाने चाहिए।
सरकार को सख्त बनना है और आतंकवाद पर पूर्ण लड़ाई छेड़ देनी चाहिए और आवश्यक हो तो उनके प्रशिक्षण शिविरों को भी नष्ट कर देना चाहिए यदि हम उक्त प्रकार की रणनीति बना सकें तो आतंकवाद का सफाया निश्चित है जम्मू-कश्मीर से ही नहीं वरन् देश के अन्य भागों से भी आतंकवाद का सफाया हो सकता है।
आतंकवाद पर निबंध 10 लाइन
- आतंकवाद एक गंभीर समस्या है जिसका सामना सारा विश्व कई वर्षों से कर रहा है।
- आतंकवाद मानवजाति के लिए बहु बड़ा खतरा है।
- लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते है उन्हें आतंकवादी कहा जात है।
- आतंकवाद देश के सभी युवाओं के विकास और वृध्दि को प्रभावित करता है।
- यह राष्ट्र के उचित विकास को कई वर्ष पीछे धकेल देता है।
- आतंकवाद का कोई नियत कानून नहीं होता है।
- आतंकवाद के कारण हर साल कई लोग अपनी जन गंवा देत है।
- आतंकवाद के कुछ उदाहरणों में अमेरिका का 9/11 तथा भारत का 26/11 हमला है।
- बच्चों को शिक्षा देकर हम आटकवाद को खत्म कर सकते है।
- सारा विश्व एक जुट होकर आतंकवाद की समस्या से छुटकारा पा सकता है।
- आतंकवाद हिंसा का एक गैर कानून तरीका है।
- लोगों को दराने के लीये आतंकवादियों द्वारा हिंसा पैदा की जाती है।
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