What is Pronoun in Hindi : छात्रों आज इस लेख में माध्यम से आपको सर्वनाम किसे कहते हैं? – परिभाषा, भेद, उदाहरण इत्यादि हिंदी भाषा के सटीक ज्ञान के लिए हमें हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण खंड सर्वनाम (Sarvanam Ki Paribhasha) मालूम होना चाहिए क्योकि परीक्षाओ में सर्वनाम किसे कहते है, उदाहरण और सर्वनाम के कितने भेद हैं (Sarvanam ke Bhed) इसके बारे में पूछे जाते है।
यह प्रश्न लगभग सभी कक्षा के विद्यार्थियों से पूछे जाते है इसलिए आज इस पोस्ट में आपको Pronoun Kise Kahte Hai, About Pronoun in Hindi इसके बारे में बहुत ही आसान भाषा में सर्वनाम से जुडी हर एक जानकारी अध्धयन करेंगे इसलिए पोस्ट पर अंत तक बने रहे।
सर्वनाम किसे कहते हैं? – Sarvanam Kise Kahate Hai
संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है उन्हें सर्वनाम कहते है। या संज्ञा के बदले प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहाँ जाता है, सर्वनाम शब्द सर्व और नाम से मिलकर बना है जिसमे ‘सर्व’ का अर्थ ‘सभी’ और और ‘नाम’ का मलतब हिंदी व्याकरण में ‘संज्ञा’ के लिए किया जाता है इसलिए लिए हम कह सकत है की सर्वनाम संज्ञा के बदले प्रयुक्त होता है।
जैसे— वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि।
उदाहरण :
- मैंने आज व्यायाम किया।
- वह पढ़ने में तेज है।
- उसने कड़ी मेहनत की उसे अवश्य सफलता मिलेगी।
ऊपर दिए गये मोटे अक्षर वाले शब्द सर्वनाम हैं, क्योंकि ये राम (संज्ञा) के बदले आए है। यदि सर्वनाम का प्रयोग न किया जाए, तो उपर्युक्त वाक्य भद्दे लगेंगे। जैसे—
- राम एक लड़का है
- राम पढ़ने में तेज है।
- राम ने कड़ी मेहनत की है।
- राम को अवश्य सफलता मिलेगी।
स्पष्ट कि वाक्य की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए या संज्ञा की पुनरुक्ति न हो, इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है।
हिन्दी में कुल 11 मूल सर्वनाम हैं मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, क्या, कुछ और कौन । इन्हीं मूल सर्वनामों से विभिन्न प्रकार के सर्वनामों की उत्पत्ति हुई है।
सर्वनाम के कार्य
सर्वनाम के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं—
(1) जहाँ संज्ञा उसी वस्तु का बोध कराती है जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम किसी भी वस्तु का बोध कराता है, यदि पहले वह संज्ञा आ गई हो। जैसे—
- राम अच्छा लड़का है।
- सीता अच्छी लड़की है।
वह मेरा भाई है — यह मेरा भाई है।
वह मेरी बहन है। — आप मेरी बहन हैं।
इस कुत्ते को देखो। — यह मेरा है।
मुझे कई कलमें हैं। — वे कीमती हैं।
(2) सर्वनाम नामों (संज्ञाओं) की पुनरुक्ति रोकता है। जैसे—
पुनरुक्ति दोष— मोहन अच्छा लड़का है। मोहन बी. ए. में पढ़ता है। मोहन पढ़ने में तेज है।
पुनरुक्ति दोषर— हित मोहन अच्छा लड़का है। वह बी. ए. में पढ़ता है। वह पढ़ने में तेज है।
(3) सर्वनाम आदर-अनादर या छोटे-बड़े का बोध कराता है। जैसे—
- आप मेरी बहन है। — आदर या बड़े का बोध
- तू यहाँ से भाग। — अनादर या छोटे का बोध
(4) सर्वनाम निकटता और दूरी का बोध कराता है। जैसे—
- यह लड़का है। — निकटता का बोध
- ये लड़के हैं। — निकटता का बोध
- वह लड़का है। — दूरी का बोध
- वे लड़के हैं। — दूरी का बोध
(5) सर्वनाम निश्चय और अनिश्चय का बोध कराता है। जैसे—
- उसे बुलाओ । — निश्चित व्यक्ति
- किसी को बुलाओ। — अनिश्चित व्यक्ति
(6) सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में संबंध जोड़ता है। जैसे—
विन विचारे जो करे, सो पाछे पछताय ।
(7) सर्वनाम जिज्ञासा को अभिव्यक्त करता है। जैसे—
- कौन आया है ?
- तुम्हें क्या चाहिए ?
सर्वनाम के भेद – Types of Pronoun in Hindi
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
- संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
- निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
- प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
1. पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
जिस सर्वनाम से बोलनेवाले, सुननेवाले या जिसके बारे में कहा जाए उसका बोध हो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे—
मैं, मैने, हमलोग, आप, आपको, उसका, उसकी आदि।
उदाहरण :
मैने कल आपको उसकी घड़ी दी थी।
- मैने — बोलनेवाले के लिए।
- आपको — सुननेवाले के लिए।
- उसकी — जिसके बारे में चर्चा हो रही है।
इस बात का खयाल रखें कि पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग स्त्री-पुरुष या सजीव-निर्जीव सभी के लिए किया जाता है।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं—
(1) उत्तमपुरुष (First Person), (2) मध्यमपुरुष (Second Person) और अन्य पुरुष (Third Person)।
उत्तमपुरुष— मैं, मैंने, हम, हमने, मेरा, मेरी, हमारा, हमारी आदि को उत्तमपुरुष कहते हैं। बोलनेवाला इसका प्रयोग सिर्फ अपने लिए करता है। जैसे—
- मैं आम खाता हूँ। — (मैं— उत्तमपुरुष, एकवचन)
- हम भारतवासी हैं। — (हम — उत्तमपुरुष, बहुवचन)
मध्यमपुरुष— तू, तुम, आप, तुमलोग, आपलोग तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे, आपका, आपकी, आपके आदि को मध्यमपुरुष कहते हैं। इसका प्रयोग
सुननेवाले के लिए किया जाता है। जैसे—
- तू अच्छा है। — (तू— मध्यमपुरुष, एकवचन)
- तुम अच्छे हो — (तुम- मध्यमपुरुष, बहुवचन)
अन्यपुरुष— उत्तमपुरुष और मध्यमपुरुष के अतिरिक्त सारे पुरुष – वह, वे, उसका, उसकी, उनका, उनकी आदि को अन्यपुरुष कहते हैं। दूसरे शब्दों में— वक्ता श्रोता से जिसकी चर्चा करता है, उसे अन्यपुरुष कहते हैं। जैसे—
- वह मोहन होगा। — (वह अन्यपुरुष, एकवचन)
- वे अच्छे लड़के थे। — (वे- अन्यपुरुष, बहुवचन)
- उसका भाई आया है। — (उसका — अन्यपुरुष, एकवचन)
- उनका भाई आया है। — (उनका अन्यपुरुष, बहुवचन)
कभी-कभी आदर हेतु एक वस्तु या व्यक्ति के लिए भी बहुवचन रूप (वे, उनका, उनकी, उनके आदि) प्रयुक्त होता है। जैसे—
- वे श्री मरांडी हैं।
- उनकी माताजी बीमार हैं।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
यह, वह, ये और वे निश्चयवाचक सर्वनाम हैं, इनसे किसी संज्ञा का निश्चित ज्ञान दूरी या निकटता का बोध होता है। जैस—
- यह पुस्तक है। — (निश्चित रूप से पुस्तक है और निकट भी है।)
- ये लड़के है। — (निश्चित रूप से लड़के हैं और निकट भी है।)
- वह हाथी है। — (निश्चित रूप से हाथी है, लेकिन दूरी का बोधक)
- वे कलमे हैं। — (निश्चित रूप से कलमें हैं, लेकिन दूरी का बोधक)
नोट— निश्चयवाचक सर्वनाम और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर है, इसे समझने की कोशिश करें।
राम अच्छा लड़का है। वह अभी पढ़ रहा होगा।
यहाँ राम अभी उपस्थित नहीं है, सिर्फ उसकी चर्चा हो रही है, इसलिए
वह— पुरुषवाचक सर्वनाम।
उसका नाम राम है। देखो, वह पढ़ रहा है।
राम कुछ दूरी पर है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है, इसलिए
वह— निश्चयवाचक सर्वनाम ।
तुम्हें प्रतिदिन दूध पीना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यहाँ दूध अभी रखा हुआ नहीं है। सिर्फ चर्चा हो रही है, इसलिए
यह— पुरुषवाचक सर्वनाम ।
इस दूध को क्यों नहीं पी रहे हो ? यह बहुत मीठा है।
दूध का गिलास निकट है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है, इसलिए
यह— निश्चयवाचक सर्वनाम ।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
अनिश्चयवाचक सर्वनाम सिर्फ दो हैं—
‘कुछ’ और ‘कोई’ (किसी)। ‘किसी’, ‘कोई’ का ही रूप है। इससे व्यक्ति, वस्तु या भाव के अनिश्चय का बोध होता है। जैसे—
- नदी में कोई तैर रहा है। — (अनिश्चित व्यक्ति)
- नदी में कुछ तैर रहा है। — (अनिश्चित वस्तु या कोई जीव-जंतु )
- किसी को खिला दो। — (अनिश्चित व्यक्ति)
- कुछ खिला दो । — (अनिश्चित वस्तु)
- कुछ बातें हो रही हैं। — (अनिश्चित भाव)
‘कोई’ का प्रयोग प्रायः सजीव के लिए होता है, लेकिन ‘कुछ’ का प्रयोग निर्जीव या छोटे जीव-जंतु के लिए।
4. संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
जो सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम से संबंध जोड़ता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते
है। जैसे—
जो.. .सो, जिसकी… उसकी, जहाँ वहाँ, जैसा वैसा, जैसी… वैसी आदि ।
जो सोता है, सो खोता है। जहाँ न जाए रवि, वहाँ लाठी, उसकी भैंस जैसा करोगे, वैसा पाओगे।
‘जो’ के बाद ‘सो’ का और ‘जिसकी’ के बाद ‘उसकी’ का आना नियंत या निश्चित है। इसलिए ऐसे सर्वनामों को ‘नित्य-संबंधी’ सर्वनाम भी कहते हैं।
5. निजवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
‘आप’ निजवाचक सर्वनाम है। इससे निज या स्वयं का बोध होता है। जैसे—
मैं आप ही चला जाऊँगा = मैं स्वयं (खुद) चला जाऊँगा।
आप अपना काम आप ही करते हैं = आप अपना काम स्वयं करते हैं?
पुरुषवाचक सर्वनाम ‘आप’ और निजवाचक सर्वनाम ‘आप’ में अंतर है। इसे समझें
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम (आप) का प्रयोग आदर के लिए होता है। एकवचन में ‘आप’ और बहुवचन में ‘आपलोग’ होता है, लेकिन निजवाचक ‘आप’ के साथ एकवचन या बहुवचन की बात नहीं आती। जैसे—
आप क्या कर रहे हैं ? — (आप- पुरुषवाचक, एकवचन)
आपलोग क्या कर रहे हैं ? — (आपलोग – पुरुषवाचक, बहुवचन)
वह आप ही चला गया। — (आप निजवाचक)
समाज के लोग आप ही उठ खड़े होंगे। — (” ”)
(ii) पुरुषवाचक ‘आप’ प्रायः मध्यमपुरुष और कभी-कभी अन्यपुरुष के लिए प्रयुक्त होता है, लेकिन निजवाचक ‘आप’ तीनों पुरुषों के लिए प्रयुक्त होता है। जैसे—
- आप कहाँ रहते हैं ? (आप-मध्यमपुरुष)
- महात्मा गाँधी हमारे राष्ट्रपिता हैं।
- आपका (1) जन्म पोरबन्दर में हुआ था । — (आप-अन्यपुरुष)
- मै आप ही चला गया/हमलोग आप ही चले गए। — (उत्तमपुरुष)
- तू आप ही चला गया/तुम आप ही चले गए। — (मध्य्पुरुष)
- वह पीपलता है/ वे आप ही पढ़ते है। — (अन्य पुरुष )
(iii) पुरुषवाच ‘आप’ वाक्य में अकेले आता है, लेकिन निजवाचक ‘आप’ संज्ञा या दूसरे सर्वनाम के साथ आता है। जैसे—
- आप काम करते है। (o + आप) — पुरुषवाचक
- राम आप ही काम करता है। (संज्ञा + आप) — निजवाचक
- वह आप ही चला गया। (सर्वनाम + आप) — निजवाचक
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते है?
‘कौन’ और ‘क्या’ दो ही प्रश्नवाचक सर्वनाम है। इनसे प्रश्न का बोध होता है। जैसे—
- कौन दौड़ रहा है ? (कौन—प्रश्नवाचक सर्वनाम)
- क्या पढ़ रहे हो ? (क्या प्रश्नवाचक सर्वनाम)
‘कौन’ और ‘क्या’ प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं, लेकिन दोनों के प्रयोग में थोड़ा अंतर है—
(i) जहाँ ‘कौन’ का प्रयोग प्रायः मनुष्य के लिए होता है, वहाँ ‘क्या’ का प्रयोग प्रायः पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों और निर्जीव वस्तुओं के लिए। जैसे
- वहाँ कौन खड़ा है ? (पुरुष / लड़का हो सकता है।)
- वहाँ कौन खड़ी है ? (स्त्री / लड़की हो सकती है।)
- वहाँ क्या खड़ा है ? (पशु-पक्षी या वस्तु हो सकती है।)
(ii) लेकिन, ‘कौन’ के साथ यदि सा/सी/से जोड़ दिया जाए, तो निर्जीव के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे—
- कौन-सा पेड़ कट गया ? कौन-सी कलम अच्छी है ?
(iii) कभी-कभी ‘क्या’ का प्रयोग व्यंग्य, प्रशंसा, तुच्छता या नकारात्मक
भावों के लिए भी किया जाता है। जैसे—
- अरे भाई ! भ्रष्ट नेता के क्या कहने! — व्यंग्य
- वाह! ताजमहल के क्या कहने! — प्रशंसा
- मैं क्या टाटा-बिरला हूँ ! — नकारात्मक
सर्वनाम का रूपांतर
सर्वनाम का रूपांतर वचन, पुरुष और कारक के अनुसार होता है। इसपर लिंग का प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे—
(1) लिंग के अनुसार —
- मैं (राम) खाता हूँ ।
- वह (लड़का) पढ़ता है।
- वह (लड़की) पढ़ती है।
- मैं (सीता) खाती हूँ ।
स्पष्ट है कि सर्वनाम (मैं, वह) पर लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
(2) वचन और पुरुष के अनुसार —
संज्ञा की तरह सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं—एकवचन और बहुवचन । वचन के आधार पर इनके रूपों में अंतर आता है। जैसे—
पुरुष | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
उत्तमपुरुष | मै | हम |
मध्यमपुरुष | तू | तुम |
अन्यपुरुष | यह, वह | ये, वे |
(3) कारक के अनुसार —
में थोड़ा अंतर है। जहाँ संज्ञा में संबोधनकारक भी होता है, वहाँ सर्वनाम में संज्ञा की तरह सर्वनाम पर भी कारक का प्रभाव पड़ता है, लेकिन दोनों संबोधनकारक नहीं होता। इसमें सात ही कारक होते हैं। कुछ सर्वनामों की कारक – रचना (रूप-रचना) नीचे दी गई है।
सर्वनाम की कारक-रचना
मैं (उत्तमपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | मैं, मैंने | हम, हमने, हमलोग, हमलोगों ने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको, हमलोगों को |
करण | मुझसे, मेरे द्वारा | हमसे, हमारे द्वारा, हमलोगों से |
संप्रदान | मुझे, मुझको, मेरे लिए | हमें, हमको, हमारे लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे, हमलोगों से |
संबंध | मेरा, मेरी, मेरे | हमारा, हमारी, हमारे |
अधिकरण | मुझमें, मुझपर | हममें, हमपर |
तू (मध्यमपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | तू तूने | तुम, तुमने, तुमलोगों ने |
कर्म | तुझे, तुझको | तुम्हें, तुमको, तुमलोगों को |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे द्वारा, तुमलोगों से |
संप्रदान | तुझे, तुझको, तेरे लिए | तुम्हें, तुमको, तुम्हारे लिए |
अपादान | तुझसे | तुमसे, तुमलोगों से |
संबंध | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे |
अधिकरण | तुझमें, तुझपर | तुम (में, पर), तुमलोगों (में, पर |
वह (अन्यपुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने, उनलोगों ने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको, उनलोगों को |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे उनके द्वारा |
संप्रदान | उसे, उसके लिए | उन्हें, उनको उनके लिए |
अपादान | उससे | उनसे, उनलोगों से |
संबंध | उस (का, की, के) | उन, उनलोगों (का, की, के) |
अधिकरण | उसमे, उसपर | उन, उनलोगों (में, पर) |
आप (पुरुषवाचक/आदरसूचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | आप, आपने | आपलोग, आपलोगों ने |
कर्म | आपको | आपलोगों को |
करण | आपसे, आपके द्वारा | आपलोगों से, आपलोगों के द्वारा |
संप्रदान | आपको, आपके लिए | आपलोगों को, आपलोगों के लिए |
अपादान | आपसे | आपलोगों से |
संबंध | आप (का, की, के) | आपलोगों (का, की, के) |
अधिकरण | आप (में, पर) | आपलोगों में, आपलोगों पर |
यह (निश्चयवाचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | यह, इसने | ये, इन्होंने, इनने |
कर्म | इसे, इसको | इन्हें, इनको |
करण | इससे, इसके द्वारा | इनसे इनके द्वारा |
संप्रदान | इसे, इसको, इसके लिए | इन्हें, इनको, इनके लिए |
अपादान | इससे | इनसे |
संबंध | इनका, इनकी, इनके | इनका, इनकी, इनके |
अधिकरण | इसमें, इसपर | इनमे, इनपर |
नोट : ‘वह’ (निश्चयवाचक सर्वनाम) का रूप भी ‘यह’ की तरह चलता है। जहाँ ‘यह’ में ‘य’ का परिवर्तन ‘इ’ में होता है, वहाँ ‘वह’ में ‘व’ का ‘उ’ में।
कोई (अनिश्चयवाचक)
कारक | एकवचन |
---|---|
कर्ता | कोई, किसी ने |
कर्म | किसी को |
करण | किसी से, किसी के द्वारा |
संप्रदान | किसी को, किसी के लिए |
अपादान | किसी से |
संबंध | किसी का, किसी की, किसी के |
अधिकरण | किसी में, किसी पर |
जो (संबंधवाचक )
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | जो, जिसने | जो, जिन्होंने, जिनने |
कर्म | जिसे, जिसको | जिन्हें, जिनको |
करण | जिससे, जिसके द्वारा | जिनसे, जिनके द्वारा |
संप्रदान | जिसे, जिसको, जिसके लिए | जिन्हें, जिनको, जिनके लिए |
अपादान | जिससे | जिनसे |
संबंध | जिनका, जिनकी, जिनके | जिसकी, जिसके जिसका |
अधिकरण | जिसमें, जिसपर | जिनमें, जिनपर |
कौन (संबंधवाचक)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | कौन, किसने | कौन, किन्होंने, किनने |
कर्म | किसे, किसको | किन्हें, किनको |
करण | किससे, किसके द्वारा | किनसे, किनके द्वारा |
संप्रदान | किसे, किसको, किसके लिए | किन्हें, किनको, किनके लिए |
अपादान | किससे | जिनसे |
संबंध | किसका, किसकी, किसके | किनका, किनकी, किनके |
अधिकरण | किनमें, किनपर | किसमें, किनपर |
FAQ
Q : सर्वनाम किसे कहते हैं?
Ans : संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है उन्हें सर्वनाम कहते है।
Q : सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?
Ans : सर्वनाम के 6 भेद होते हैं।
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