Tense in Hindi : दोस्तों आज इस लेख में आपको हम बताएँगे Tense किसे कहते है? – परिभाषा, भेद, उदाहरण आदि बहुत सारे लोग जिनको व्याकरण से रूचि है या जिनको अंग्रेजी बोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है उनको उनको Tense के बारे में जानना बहुत जरुरी है।
आइये इस लेख में माध्यम से Present tense, Past Tense, Future Tense, Tense in Hindi और Tense Best Tricks के बारे में आसान तरीके से बताएँगे।
Tense की परिभाषा – Tense in Hindi
काल :- क्रिया के जिस रूप से समय का बोध हो उसे काल कहते हैं। जैसे—
मैने खाया था। ( | (खाया था—भूत समय) |
मैं खा रहा हूँ। | (खा रहा हूँ-वर्तमान समय) |
मैं कल खाऊँगा । | (खाऊँगा–भविष्यत् समय) |
यहाँ क्रिया के इन रूपों― खाया था, खा रहा हूँ और खाऊँगा से भूत, वर्तमान और भविष्यत् समय (काल) का बोध होता है।
काल के प्रकार – Types of Tenses in Hindi
अतः काल के तीन भेद हैं।
- वर्तमानकाल (Present Tense)
- भूतकाल (Past Tense)
- भविष्यत्काल (Future Tense)
वर्तमानकाल किसे कहते है? – Present Tense in Hindi
वर्तमान समय में होनेवाली क्रिया से वर्तमानकाल का बोध होता है। जैसे—
मैं खाता हूँ। | I eat. |
सूरज पूरब में उगता है। | The sun rises in the east. |
गीता खेल रही होगी। | Geeta will be playing. |
वह पढ़ रहा है। | He is studying. |
(1) सामान्य वर्तमान, (2) तात्कालिक वर्तमान और (3) संदिग्ध वर्तमान ।
1. सामान्य वर्तमान— इससे वर्तमान समय में किसी काम के करने की सामान्य आदत, स्वभाव या प्रकृति, अवस्था आदि का बोध होता है। जैसे—
कुत्ता मांस खाता है। | (प्रकृति का बोध) |
मैं रात में रोटी खाता हूँ। | (आदत का बोध) |
पिताजी हमेशा डाँटते हैं। | (स्वभाव का बोध) |
वह बहुत दुबला है। | (अवस्था का बोध) |
(2) तात्कालिक वर्तमान इससे वर्तमान में किसी कार्य के लगातार जारी करने का बोध होता है। जैसे—
कुत्ता मांस खा रहा है। | (खाने की क्रिया जारी है) |
पिताजी डाँट रहे हैं। | (इसी क्षण कहने के समय) |
(3) संदिग्ध वर्तमान- इससे वर्तमान समय में होनेवाली क्रिया में संदेह या अनुमान का बोध होता है। जैसे—
अमिता पढ़ रही होगी। | (अनुमान) |
माली फूल तोड़ता होगा। | (संदेह या अनुमान) |
भूतकाल किसे कहते है? – Past Tense in Hindi
बीते समय में घटित क्रिया से भूतकाल का बोध होता है। जैसे—
मैने देखा। | वह लिखता था। | राम ने पढ़ा होगा। |
मैंने देखा है। | वह लिख रहा था | यदि श्याम पढता, तो |
मै देख चूका है। | वह लिख चूका था। | अवश्य सफल होता। |
भूतकाल के छह भेद हैं—
- सामान्य भूत
- आसन्न भूत
- पूर्ण भूत
- अपूर्ण भूत
- संदिग्ध भूत
- हेतुहेतुमद् भूत
(1) सामान्य भूत- इससे मात्र इस बात का बोध होता है कि बीते समय में कोई काम सामान्यतः समाप्त हुआ। जैसे—
मैने पत्र लिखा। | (बीते समय में) |
वे पटना गए। | (बीते समय में, कब गए पता नहीं) |
(2) आसन्न भूत- इससे बीते समय में क्रिया के तुरत या कुछ देर पहले समाप्त होने का बोध होता है। जैसे—
मैं खा चुका हूँ। | (कुछ देर पहले, पेट भरा हुआ है) |
सीता रोई है। | (आँसू सूख चुके हैं, लेकिन चेहरा उदास है) |
(3) पूर्ण भूत- इससे बीते समय में क्रिया की पूर्ण समाप्ति का बोध होता है। जैसे—
वह पटना गया था। | (जाने का काम बहुत पहले पूरा हो चुका था) |
राम खा चुका था। | (पूर्णतः खा चुका था ) |
(4) अपूर्ण भूत- इससे बीते समय में क्रिया की अपूर्णता का बोध होता है। जैसे—
वह पढ़ता था। } पढ़ने का काम जारी था, पूरा नहीं हुआ था।
वह पढ़ रहा था। } पढ़ने का काम जारी था, पूरा नहीं हुआ था।
(5) संदिग्ध भूत- इससे बीते समय में किसी क्रिया के होने में संदेह का बोध होता है। जैसे—
पिताजी गए होगे । | (गए या नहीं, संदेह है।) |
सोहन ने खाया होगा। | (सोहन या और कोई संदेह है ) |
(6) हेतुहेतुमद् भूत- इससे इस बात का बोध होता है कि कोई क्रिया बीते समय में होनेवाली थी, लेकिन किसी कारणवश न हो सकी। जैसे—
राधा आती, तो मैं जाता। | (न राधा आई, न मैं गया।) |
श्याम मेहनत करता, तो अवश्य सफल होता। | (न मेहनत की, न सफल हुआ।) |
भविष्यत्काल किसे कहते है? – Future Tense in Hindi
भविष्यत्काल- इससे भविष्य में किसी काम के होने का बोध होता है। जैसे—
तुम कल पढोगे । | शायद वह कल आए। |
आप खेलते रहेंगे। | वह आए, तो मैं जाऊँ। |
वे जा चुकेंगे। | तुम पढ़ोगे, तो पास करोगे। |
भविष्यत्काल के पाँच भेद हैं।
- सामान्य भविष्यत्
- संभाव्य भविष्यत्
- पूर्ण भविष्यत्
- भविष्यत् और
- हेतुहेतुमद् भविष्यत्
(1) सामान्य भविष्यत्— इससे यह पता चलता है कि कोई काम सामान्यतः भविष्य में होगा। जैसे—
वह आएगा। | तुम खेलोगे । | मैं सफल होऊँगा। |
(2) संभाव्य भविष्यत्— इससे भविष्य में होनेवाली क्रिया के होने की संभावना का बोध होता है। जैसे—
संभव है, कल सुरेश आए। | (संभावना) |
शायद मोहन परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाए। | (संभावना) |
(3) पूर्ण भविष्यत्— इससे यह बोध होता है कि कोई काम भविष्य में पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। जैसे—
मैं लिख चुकूंगा। | वह पढ़ चुकेगा। | वे जा चुकेंगे। |
(4) अपूर्ण भविष्यत् — इससे यह बोध होता है कि भविष्य में कोई काम जारी रहेगा। जैसे—
मैं लिखता रहूँगा | तुम खेलती रहोगी। |
(5) हेतुहेतुमद् भविष्यत्— यदि भविष्य में एक क्रिया का होना, दूसरी किया के होने पर निर्भर करे, तो उसे हेतुहेतुमद् भविष्यत् कहेंगे। जैसे—
राम पढ़ेगा, तो पास करेगा। | (पढ़ने पर निर्भर है, पास करना) |
रहीम आए, तो मैं जाऊँ। | (आने पर निर्भर है, जाना।) |
क्रिया की रूप-रचना (रूप-परिवर्तन/रूपावली)
सभी कालों में क्रिया के विभिन्न और व्यापक रूप है। यहाँ संक्षेप में ‘पढ़ना और ‘हँसना’ क्रियाओं के कुछ रूपों को देखें—
‘पढ़ना’ क्रिया (वर्तमान काल)
पुरुष | वचन | लिंग | सामान्य वर्तमान | तत्कालिक वर्तमान | संदिग्घ वर्तमान | या, संदिग्ध वर्तमान |
---|---|---|---|---|---|---|
उत्तम | एक | पु०/स्त्री० | पढता हूँ/पढती हूँ | पढ़ रहा है/पढ़ रही हूँ | पढता हूँगा (होऊंगा) | पढ़ रहा होऊंगा (हूँगा) |
पढता हुंगी (होऊंगी) | पढ़ रही होऊंगा (हूँगा) | |||||
,, | बहु | ,,पु० | पढ़ते है/पढ़ती है | पढ़ रहे है/ पढ़ रही है | पढ़ते होंगे/पढ़ती होगी | पढ़ रहे होंगे/पढ़ रही होगी |
माध्यम | एक | पु०/स्त्री० | पढ़ता है/पढ़ती है | पढ़ रहा है/पढ़ रही है | पढता होगा/पढ़ती होगी | पढ़ रहा होगा/पढ़ रही होगी |
,, | बहु | ,, | पढ़ते है/पढ़ती है | पढ़ रहे हो/पढ़ रही हो | पढ़ते होंगे/पढ़ती होगी | पढ़ रहे होंगे/पढ़ रही होगी |
अन्य | एक | पु०/स्त्री० | पढ़ता है/पढ़ती है | पढ़ रहा है/पढ़ रही है | पढता होगा/पढ़ती होगी | पढ़ रहा होगा/पढ़ रही होगी |
,, | बहु | ,, | पढ़ते है/पढ़ती है | पढ़ रहे है/पढ़ रही है | पढ़ते होंगे/पढ़ती होगी | पढ़ रहे होंगे/पढ़ रही होगी |
पढ़ना भूतकाल
पुरुष | वचन | लिंग | सामान्य भूत | आसन्न भूत | पूर्ण भूत | संदिग्ध भूत |
---|---|---|---|---|---|---|
उत्तम | एक | पु०/स्त्री | पढ़ा/पढ़ी | पढ़ा है/पढ़ी है | पढ़ा था/पढ़ी थी | पढ़ा होगा/पढ़ी होगी |
,, | बहु | ,, | पढ़े/पढ़ी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी | पढ़े होंगे/पढ़ी होगी |
माध्यम | एक | पु०/स्त्री | पढ़ा/पढ़ी | पढ़ा है/पढ़ है | पढ़ा था/पढ़ी थी | पढ़ा होगा/पढ़ी होगी |
,, | बहु | ,, | पढ़े/पढ़ी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी | पढ़े होंगे/पढ़ी होगी |
अन्य | एक | पु०/स्त्री | पढ़ा/पढ़ी | पढ़ा है/पढ़ी है | पढ़ा था/पढ़ी थी | पढ़ा होगा/पढ़ी होगी |
,, | बहु | ,, | पढ़े/पढ़ी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी | पढ़े होंगे/पढ़ी होगी |
पढ़ना भूतकाल
पुरुष | वचन | लिंग | अपूर्ण भूत | या, अपूर्ण भूत | हेतुहेतुमद भूत |
---|---|---|---|---|---|
उत्तम | एक | पु०/स्त्री | पढता था/पढ़ती थी | पढ़ रहा था/पढ़ रही थी | पढता तो/पढ़ती तो |
,, | बहु | ,, | पढ़ते थे/पढ़ती थी | पढ़ रहे थे/पढ़ रही थी | पढ़ते तो/पढ़ती तो |
नोट- भूतकाल के सामान्य भूत आसन्न भूत, पूर्ण भूत एवं संदिग्ध भूतकालों में सकर्मक क्रिया का सिर्फ कर्मवाच्य में तथा अकर्मक क्रिया का कर्तृवाच्य में प्रयोग होता है।
पुरुष | वचन | लिंग | अपूर्ण भूत | या, अपूर्ण भूत | हेतुहेतुमद भूत |
---|---|---|---|---|---|
मध्यम | एक | पु०/स्त्री | पढता था/पढ़ती थी | पढ़ रहा था/पढ़ रही थी | पढता तो/पढ़ती तो |
,, | बहु | ,, | पढ़ते थे/पढ़ती थी | पढ़ रहे थे/पढ़ रही थी | पढ़ते तो/पढ़ती तो |
अन्य | एक | पु०/स्त्री | पढता था/पढ़ती थी | पढ़ रहा था/पढ़ रही थी | पढता तो/पढ़ती तो |
,, | बहु | ,, | पढ़ते थे/पढ़ती थी | पढ़ रहे थे/पढ़ रही थी | पढ़ते तो/पढ़ती तो |
पढ़ना भविष्यत्काल
पुरुष | वचन | लिंग | सामान्य भविष्यत | अपूर्ण भविष्यत काल | पूर्ण भविष्यत काल |
---|---|---|---|---|---|
उत्तम | एक | पु०/स्त्री | पढूंगा/पढूंगी | पढ़ा है/पढ़ी है | पढ़ा था/पढ़ी थी |
,, | बहु | पु०/स्त्री | पढेंगे/पढेगी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी |
माध्यम | एक | पु०/स्त्री | पढ़ेगा/पढेगी | पढ़ा है/पढ़ है | पढ़ा था/पढ़ी थी |
,, | बहु | पु०/स्त्री | पढोगे/पढ़ोगी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी |
अन्य | एक | पु०/स्त्री | पढ़ेगा/पढेगी | पढ़ा है/पढ़ी है | पढ़ा था/पढ़ी थी |
,, | बहु | पु०/स्त्री | पढेगे/पढेगी | पढ़े है/पढ़ी है | पढ़े थे/पढ़ी थी |
‘हँसना’ क्रिया (भूतकाल)
अब ‘हँसना’ क्रिया के रूप विभिन्न भूतकालों में दिए गये है।
पुरुष | वचन | लिंग | सामान्यभूत | आसन्न भूत | पूर्ण भूत | संदिग्ध भूत |
---|---|---|---|---|---|---|
उत्तम | एक | पु०/स्त्री | हंसा/हंसी | हंसा हूँ/हंसी हूँ | हंसा था/हंसी थी | हंसा होऊंगा (हूँगा)/हंसी होऊंगी (हूँगी) |
,, | बहु | ,, | हँसे/हंसी | हँसे है/हंसी है | हँसे थे/हंसी थी | हँसे होंगे/हंसी होगी |
माध्यम | एक | पु०/स्त्री | हंसा/हँसी | हंसा है/हंसी है | हंसा था/हंसी थी | हंसा होगा/हंसी होगी |
,, | बहु | ,, | हँसे/हँसी | हँसे हो/हंसी हो | हँसे थे/हंसी थी | हँसे होंगे/हंसी होगी |
अन्य | एक | पु०/स्त्री | हंसा/हंसी | हंसा है/हंसी है | हंसा था/हंसी थी | हंसा होगा/हंसी होगी |
,, | बहु | ,, | हँसे/हंसी | हँसे है/हंसी है | हँसे थे/हँसे थे | हँसे होंगे/हंसी होगी |
क्रिया की अवस्थाएँ (पक्ष)
प्रत्येक वाक्य में कम से कम एक क्रिया अवश्य होती है। कभी तो क्रिया घटित प्रतीत होती है और कभी नहीं। जैसे—
वह खा रहा है। | (किया घटित प्रतीत होती है।) |
वह खाएगा। | (किया घटित प्रतीत नहीं होती है।) |
जब क्रिया घटित प्रतीत होती है, तो उसके घटित होने में कुछ-न-कुछ समय अवश्य लगता है। यह समय एक क्षण का भी हो सकता है या एक युग का । जैसे—
उसने उसे पुकारा। | (यह क्रिया एक क्षण में हो गई ।) |
ईरान-इराक में युद्ध हुआ था। | (इस क्रिया में लगभग एक युग लगा।) |
क्रिया के घटित होने में जो समय लगता है, वह उसका ‘पक्ष’ कहलाता है। वास्तव में, पक्षसूचक प्रत्ययों से क्रिया के घटित होने का बोध होता है। इस दृष्टि से क्रिया के तीन ‘पक्ष’ है—
(1) नित्य पक्ष, (2) सातत्य पक्ष और (3) पूर्ण पक्ष ।
(1) नित्य पक्ष— इसमें कार्य नित्य (हमेशा) घटित होने का बोध होता है। जैसे—
- मैं स्कूल जाता हूँ अथवा मैं स्कूल जाता था।
[ कार्य नित्य होता है या होता था। इसमें ता/ते/ती प्रत्यय लगाया जाता है। यहाँ ‘ता’ (जा-ता) प्रत्यय लगा हुआ है ।]
(2) सातत्य पक्ष— सातत्य का अर्थ होता है— ‘निरंतरता’ इसमें कोई क्रिया लगातार जारी रहती है। जैसे—
- मैं स्कूल जा रहा हूँ अथवा मैं स्कूल जा रहा था।
[क्रिया निरंतर चल रही है या चल रही थी। इसमें ‘रहा/रहे/रही’ प्रत्यय लगता है। यहाँ ‘रहा’ (जा रहा) प्रत्यय लगा हुआ है । ]
(3) पूर्ण पक्ष- जहाँ कार्य पूर्ण होने की सूचना मिलती है, वहाँ पूर्ण पक्ष होता है। जैसे—
- मैं स्कूल गया हूँ मैं स्कूल गया था मैं स्कूल जा चुका था।
[क्रिया की पूर्णता को सूचित करता है। इसमें ‘या’/’आ’ प्रत्यय लगता है। यहाँ ‘या’ (ग-या) अथवा ‘आ’ (चुक-आ) प्रत्यय लगा हुआ है।
FAQ
Q : काल किसे कहते है?
Ans : क्रिया के जिस रूप से समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।
Q : काल के कितने प्रकार है?
Ans : काल के तीन प्रकार है, वर्तमान काल, भूत काल और भविष्यत् काल.