होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध : होली दुनियाभर में प्रचलित रंगों का त्यौहार है, इसे विशेष रूप से भारत व नेपाल में मनाया जाता है। होली के दिन लोग एक दुसरे को रंग व गुलाल लगाते है। पर्व के दिन कोई भी बड़ा छोटा नहीं होता है। सभी एक सामान होते है ढोलक, मृदंग, जोगीरा, होली गीत की ध्वनि से गूंजता रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली हर साल मार्च के महिना में पड़ता है यह महिना बड़ा ही रंगीन होता है क्योकि होंली आने से पहले ही सभी लोग अपने घर-द्वार की सफाई में लग जाते है और बच्चे आने जाने वाले लोगो को रंग फेकते है होली के दिन हर गाँव मुहल्ला रंगों के भींगे रहते है।

होली पर निबंध 400 शब्दों में – Short and Long Holi Essay in Hindi

होली एक हिन्दुओ का महत्वपूर्ण त्योहार है होली वसंत का त्योहार है शायद यह हिन्दुओ का सबसे अधीत खुशी वाला त्योहार होता है। यह चैत्र माह के पहला दिन मनाया जाता है। यह वसंत का महिना होता है होली के मौसम में प्रकृति हरेक व्यक्ति मोहित करता है और कोई जोगिरा गत है तो कोई गीत गत है सुंदर फूल हर तरफ दिखाई पड़ते है। रंगिर प्रकृति इस त्योहार को रंगिन बनती है।

यह खुशी एवं उमंग का त्योहार होता है इस समय सभी जगह पर होली है की आवाज गुजाती रहती है इस ओसार पर सभी लोग मोज मस्ती करते है। फाल्गुन माह के अंतिम दिन होलिका दहन के साथ होली की शुरुआत होती है। लोग घर घर से लकड़ी एवं पुआल को लाकर एक जगह पर एकत्रित करते है और रात को सभी लोग उस लकड़ी एवं पुआल के ढेरके चारों तरफ जमा हो जाते है।

वे लोग उस ढेर में आग लगते है और वे लोग ढोल पीटकर होली गीत गाते है साथ ही खुशी से झूम उठाते है असली उत्सव उसके एक दिन बाद मनाया जाता है। आज के दिन उत्सव के समय लोग बहुत खुश रहते है वे एक दूसरे पर रंग डालते है और वे एक दूसरे को अबीर भी लगाते है सभी उम्र के लोग से पागल दिखाई पड़ते है। इस अवसर पर लोग सामाजिक भेद भाव भूल जाते है।

वे सभी से एक सम्मान से मिलते है और सभी खुश रहते है वे अपने दोस्तों एवं पड़ोसियों के घर जाते है और अबीर लगाते है वे लोग मिठाइयाँ एवं अन्य स्वादिष्ट पकवान बनाते है और कहते भी है होली पूरी तरीका से खुशियाँ का त्योहार है यह दोस्तों एवं शुभ का त्योहार है। इस अवसर पर लोग अपने सभी झगड़ों को भूलकर बेझिझक मतलब बिना संकोच के एक दूसरे से मिलते है काम से काम एक दिन के लिए लोग अपनर सभी दुख एवं चिंता को भूल इस दिन खुशी खुशी रहते है।

लेकिन  होली के कुछ बुराइयाँ भी है इस दिन बहुत से लोग असभ्य भी हो जाते हैं। जैसे शराब तथा भांग पीके मतवाले हो जाते हैं और वे लोग इस औसर पर शराब पीकर समाजिक बायोहार को भूल जाते है और ये लोग अश्लील गाने गाते हैं ये स्त्रियों  को गाली भी देते है। कभी कभी उनके असभ्य ब्योहार से सामाजिक दुश्मनी उतपन हो जाती है जो की समाज के लिए अच्छी बात नहीं है।

अतः होली असभ्य तरीके से नहीं मनाया जाना चाहिया सलीनता एवं अच्छे व्यवहार होली की खुशी को बढ़ा देता है हमे यह नहीं भूलना चाहिया की यह खुशी एवं मित्रता का त्योहार है हमे सभ्य तरीके से अपने खुशियों को आपस मे बांटना चाहिए।   

होली पर निबंध 1000 शब्दों में

परिचय

होली, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। यह भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली मुख्य रूप से हिंदुओं का त्यौहार है। लेकिन इसे लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। वैसे तो होली भारतीय त्योहार है लेकिन कई बार इसे विदेशों में भी लोगों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हुए देखा जाता है।

इस त्यौहार में लोग अपने सारे पुराने बैरभाव, गिले-शिकवे त्याग कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं। यह त्यौहार अपने आप में उल्लास उमंग तथा उत्साह के लिए जाना जाता है। इसे मेल एवं एकता का पर्व भी कहा जाता है।

होली कब मनाया जाता हैं?  

मार्च (हिंदी कैलेंडर के अनुसार फागुन मास) की महीने के पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता हैं और उसके अगले दिन होली (Holi) मनाया जाता है। होलिका दहन के लिए होली के कई दिनों पहले से ही गांव में, गली-मोहल्लों में लकड़ियों के ढेर लगाकर होलीका बनाई जाती है।

होलिका दहन के दिन शाम को इकट्ठे किए गए लकड़ी के ढेरों के चारों ओर लोग इकट्ठे होते हैं और फिर उसमें आग लगा दी जाती है। इस तरह से होलिका दहन किया जाता है। इस बार होली (Holi) 18 मार्च 2022 को मनाई जाएगी।

होली क्यों मनाई जाती है?

हमारे भारत देश में जो भी धार्मिक व सामाजिक त्यौहार मनाए जाते हैं उनके पीछे कोई ना कोई घटना अवश्य जुड़ी होती हैं। शायद ही कोई ऐसी महत्वपूर्ण तिथि हो जो किसी न किसी त्योहार या पर्व से संबंधित ना हो। होली मनाने के पीछे भी एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस कथा के अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप एक अत्यंत क्रूर और अत्याचारी राजा था। वह अपने प्रजा को भगवान का नाम ना लेने का आदेश दे रखा था।

उसका मानना था कि वह खुद भगवान है और लोग उसकी ही पूजा करें। यदि कोई भगवान की भक्ति करते हुए पकड़ा जाता तो उसे वह बहुत ही कठोर दंड देता था। इसलिए वहां की प्रजा अत्यंत ही भयभीत रहती थी। किंतु हिरण्यकश्यप का पुत्र (जिनका नाम प्रहलाद था) भगवान विष्णु के परम भक्त था।

वह अपने पिता (हिरण्यकश्यप) के आदेशों के विपरीत हमेशा भगवान विष्णु के भक्ति में लीन रहता था। पिता के बार-बार समझाने पर भी जब प्रहलाद नहीं माना तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने का अनेक प्रयास किया, किंतु प्रहलाद बार-बार बच जाता था।

इस प्रकार प्रहलाद प्रजा में काफी लोकप्रिय हो गया था। दैत्यराज हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। जिसे वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की सहायता से प्रहलाद को आग में जलाकर मारने की तैयारी कर लिया। योजना के अनुसार होलिका प्रहलाद को अपने गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर पर बैठ गई और लकड़ियों में आग लगा दी गई।

जिसके बाद भगवान की कृपा ऐसा हुआ की होलिका का वरदान अभिशाप बन गया वह आग में जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद को आंच तक नहीं आया। इस प्रकार अच्छाई का बुराई पर जीत हुआ और तभी से होली (Holi) का त्यौहार मनाया जाने लगा। इसलिए होली के 1 दिन पहले होलिका जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है।

होली कैसे मनाया जाता है?

होलिका दहन के अगले दिन बच्चे सुबह से ही एक दूसरे पर रंग और पानी डालकर होली (Holi) की शुरुआत करते हैं। फिर धीरे-धीरे बड़ों में भी होली का रंग चढ़ना शुरू हो जाता है। कभी बच्चे गुब्बारों में रंग और पानी भरकर एक दूसरे पर मारते हैं तो कभी पिचकारी में रंग भर के एक दूसरे पर फेंक कर होली का आनंद लेते हैं।

इस दिन चारों ओर चहल पहल दिखती है। जगह जगह लोगों की टोलियां एकत्र होकर ढोल की थाप पर होली पर गाने गाते दिखते हैं।

होली (Holi) के कई दिन पहले से ही लोग पापड़ और चिप्स अपनी छतों पर सुखाने लगते हैं। होली के दिन अच्छे-अच्छे पकवान जैसे- गुजिया, घेवर, मावा आदि भी बनाए जाते हैं। दिन भर रंग खेलने के बाद शाम को सभी लोग स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और बच्चे, बूढ़े, और नौजवान सभी एक दूसरे को गले मिलकर अबीर गुलाल लगाते हैं।

युवक व युवतियों की टोलियां गली-गली और घर-घर जाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। भारत के अलग-अलग जगहों पर अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती है। जैसे-ब्रज की होली, वृंदावन की होली, बरसाना की लठमार होली, मथुरा की होली, कासी की होली इत्यादि।

होली का महत्व क्या है?

होली (Holi) का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। यह त्यौहार हमें यह बताता है की बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो वह अच्छाई के आगे नहीं टिक सकती है और अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। साथ ही यह मेल मिलाप का त्यौहार भी है। लोग इस दिन अपने सारे बैर भाव बुलाकर एक दूसरे को गले लगाते हैं। यह त्यौहार ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर समानता का भी संदेश देता है। यह त्यौहार ऐतिहासिक के साथ-साथ सामाजिक महत्व भी रखता है।

होली पर ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें

होली रंगों के साथ-साथ मेल-मिलाप और खुशियों का त्योहार है। लेकिन कुछ असभ्य लोगों के कारण यह त्यौहार किसी के लिए कष्टकारी हो जाती हैं। आइए जानते हैं होली पर कौन सी सावधानियां का ध्यान रखना चाहिए।

  • होली (Holi) के दिन मादक पदार्थों (जैसे- शराब, भांग, गांजा इत्यादि) का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रंग लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की रंग किसी व्यक्ति के आंख, कान, नाक जैसे संवेदनशील अंगों पर ना लगे।
  • यदि किसी को रंगों से एलर्जी हो तो उसे रंग नहीं लगाना चाहिए।
  • सड़क पर जा रहे लोगों एवं वाहनों के ऊपर किसी भी प्रकार के रंग एवं पानी नहीं फेंकना चाहिए नहीं तो सड़क दुर्घटना होने की संभावना होती है।
  • किसी के ऊपर धूल एवं मिट्टी नहीं फेंकना चाहिए।
  • होली खेलने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
  • किसी प्रकार के रासायनिक पदार्थ (जो त्वचा को नुकसान पहुंचाएं) का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • होली खेलने के लिए ग्रीस तथा पेंट जैसे हानिकारक पदार्थों का उपयोग बिल्कुल भी ना करें।

दोस्तों, आइए हम सब भी इस त्यौहार से सीख लेते हुए आपस में मिलजुल कर रहे और हमेशा सच्चाई और अच्छाई की रास्ते पर चलें। और इस बार होली पर मिलजुल कर आपस में खूब खुशियां बांटे।

होली पर निबंध 10 लाइन

  1. होली भारत के प्रमुख त्यौहार में एक है।
  2. यह हिन्दुओ का त्यौहार है।
  3. होली का पर्व फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है।
  4. होली के दिन लोग एक दुसरे को रंग और गुलाल लगते है।
  5. होली दो दिनों का त्यौहार है।
  6. होली की शुरुआत होली दहन से होती है
  7. सभी लोग दोस्तों और रिश्तेदारों के गालो पर चमकीले रंग और गुलाल लगते है।
  8. होली के दिन लोग ख़ुशी से गाते और नाचते है।
  9. इस दिन घरो में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते है।
  10. होली प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का त्योहार है।

कुछ विशेष निबंध

मै निशांत सिंह राजपूत इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै MCA का छात्र हूँ.

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